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Earthquake: सिक्किम में भूकंप के झटके, बिहार तक महसूस हुए, जानिए रिक्टर स्केल पर तीव्रता

Earthquake: शुक्रवार सुबह 6:57 बजे सिक्किम में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई। भूकंप का केंद्र सिक्किम में था, लेकिन इसके झटके बिहार में भी महसूस किए गए। बिहार के किशनगंज में कई लोगों ने भूकंप को महसूस किया। भूकंप का केंद्र पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के भी बहुत करीब था, जिससे भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार में भी इसका असर देखने को मिला। इसके साथ ही नेपाल और भूटान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

Earthquake: सिक्किम में भूकंप के झटके, बिहार तक महसूस हुए, जानिए रिक्टर स्केल पर तीव्रता

भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं थी, इस कारण जान-माल का अधिक नुकसान नहीं हुआ। बारिश के मौसम में, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा अधिक होता है, और भूकंप के दौरान भूस्खलन बड़ी तबाही मचा सकता है। हाल ही में वायनाड में भूस्खलन के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई थी।

भूकंप क्यों आते हैं?

हाल के समय में देश और दुनिया के कई क्षेत्रों में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। दरअसल, हमारे पृथ्वी के अंदर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं। ये प्लेट्स लगातार अपनी जगह पर घूमती रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण हो जाता है। यही कारण है कि पृथ्वी पर भूकंप दिखाई देते हैं।

हर साल दुनिया में होते हैं लगभग 20 हजार भूकंप

दुनिया में हर साल लगभग 20 हजार भूकंप होते हैं, लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं होती कि लोगों को भारी नुकसान हो। नेशनल अर्थक्वेक इंफॉर्मेशन सेंटर इन भूकंपों को रिकॉर्ड करता है। जानकारी के अनुसार, 20 हजार में से केवल 100 भूकंप ऐसे होते हैं जो नुकसान पहुंचाते हैं। अब तक के इतिहास में सबसे लंबा भूकंप 2004 में भारतीय महासागर में आया था। इस भूकंप को 10 मिनट तक महसूस किया गया था।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अनुमान कैसे लगा सकते हैं?

  • 0 से 1.9 तक: भूकंप का पता सीस्मोग्राफ से लगता है
  • 2 से 2.9 तक: बहुत हल्की कंपन महसूस होती है
  • 3 से 3.9 तक: ऐसा लगेगा जैसे कोई भारी वाहन पास से गुजरा हो
  • 4 से 4.9 तक: घर में रखी चीजें अपनी जगह से गिर सकती हैं
  • 5 से 5.9 तक: भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकते हैं
  • 6 से 6.9 तक: इमारत की नींव में दरार आ सकती है
    7 से 7.9 तक: इमारतें गिर जाती हैं
  • 8 से 8.9 तक: सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
  • 9 या इससे अधिक: सबसे गंभीर विनाश, धरती का झटका स्पष्ट रूप से महसूस होगा

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